रायपुर, Government Action: एक माह या उससे अधिक समय तक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने वाले सरकारी कर्मचारियों (Government Action) के खिलाफ सरकार अब सख्त कार्रवाई करने जा रही है। ऐसे सरकारी कर्मचारियों पर आरोप साबित होने पर उन्हें निलंबित करने के बजाय सेवा से हटाने या सेवा से बर्खास्तगी की सजा दी जानी चाहिए.
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी सरकारी कार्यालयों को जारी पत्र में अनाधिकृत अनुपस्थिति की अवधि को सेवा में व्यवधान मानने तथा किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकृत नहीं करने तथा विभागीय जांच का निराकरण अधिकतम 6 माह की अवधि में करने का निर्देश दिया गया है.
15 दिन के भीतर बताना होगा छुट्टी का कारण (Government Action)
सरकारी सेवक एक माह से अधिक समय तक अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहते हैं, उन्हें अवकाश अवधि के दौरान उनके पते और उनके अंतिम ज्ञात पते दोनों पर इस आशय का सूचना पत्र भेजा जाए कि वे 15 दिन के भीतर कारण बताएं कि उनकी अनाधिकृत अनुपस्थिति क्यों है। सेवा में व्यवधान नहीं माना जाना चाहिए और उनकी सेवा पुस्तिका में पेंशन, भत्ता आदि सभी प्रयोजनों के लिए प्रविष्टि नहीं की जानी चाहिए।
साथ ही 3 वर्ष से अधिक अनुपस्थित रहने वाले शासकीय सेवकों को बर्खास्त करने के संबंध में वित्त विभाग के निर्देशों से सभी अधीनस्थ कार्यालय प्रधानों को पुनः अवगत कराते हुए नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है। इतना ही नहीं कहा गया है कि निर्देश के अनुरूप कार्रवाई नहीं होने पर कार्यालय प्रधान की जिम्मेदारी तय की जायेगी.
छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने सरकार के आदेश को रूटीन लेकिन सही बताया है. सरकारी कर्मचारियों को सरकार के नियमों के तहत काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों पर बिना बताए कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि ऐसे कर्मचारियों की वजह से दूसरे कर्मचारियों पर बोझ बढ़ता है.