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Kumhari Bus Accident: एम्स अस्पताल में घायलों के परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा

राजधानी रायपुर से सटे दुर्ग के कुम्हारी में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां केडिया डिस्टिलरी के कर्मचारियों से भरी बस अनियंत्रित होकर खदान में जा गिरी. हादसे में 12 कर्मचारियों की मौत हो गई है. वहीं, 13 लोग घायल हैं. इनमें से 7 की हालत गंभीर है.

रायपुर, Kumhari Bus Accident: राजधानी रायपुर से सटे दुर्ग के कुम्हारी में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां केडिया डिस्टिलरी के कर्मचारियों से भरी बस अनियंत्रित होकर खदान में जा गिरी. हादसे में 12 कर्मचारियों की मौत हो गई है. वहीं, 13 लोग घायल हैं. इनमें से 7 की हालत गंभीर है. मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. इस हादसे में घायल 10 लोगों को इलाज के लिए राजधानी रायपुर के एम्स अस्पताल लाया गया है.

यहां सभी का इलाज चल रहा है. इसी बीच घायलों के इलाज के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है

रायपुर से सटे दुर्ग के कुम्हारी में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां केडिया डिस्टिलरी के कर्मचारियों से भरी बस अनियंत्रित होकर खदान में जा गिरी. हादसे में 12 कर्मचारियों की मौत हो गई है. वहीं, 13 लोग घायल हैं. इनमें से 7 की हालत गंभीर है. मृतकों में दो महिलाएं भी शामिल हैं. इस हादसे में घायल 10 लोगों को इलाज के लिए राजधानी रायपुर के एम्स अस्पताल लाया गया है. यहां सभी का इलाज चल रहा है. इसी बीच घायलों के इलाज के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है.

एम्स अस्पताल में नहीं मिल रही दवा

मिली जानकारी के मुताबिक एम्स अस्पताल में घायलों के परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दुर्घटना में घायल लोगों के परिजनों को दवा, प्लास्टर व भोजन के लिए भटकना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, घायलों के परिजनों को अपने पैसे से एम्स अस्पताल के बाहर से चिकित्सा सामग्री खरीदनी पड़ रही है. घायलों के परिजनों को केडिया डिस्टिलरी से भी कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

घायलों के परिजनों में अधिकतर महिलाएं हैं,

जो खाने-पीने की वस्तुओं से लेकर दवाओं के लिए एम्स अस्पताल के बाहर पैदल ही इधर उधर भटक रही है। घायलों के परिजन दवा के लिए परेशान हो रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एम्स और बाहर की दुकानों में जरुरी दवाओं का स्टॉक उपलब्ध नहीं है।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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