Lakhpati Didi Yojana: तीन साल में 1200 से ज्यादा महिलाएं बनीं लखपति, इस सरकारी योजना का फायदा उठाने के लिए दिमाग का इस्तेमाल किया

Lakhpati Didi Yojana: जीवन में कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं जिनकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होती है। लखपति दीदी संगीता के साथ भी ऐसा ही हुआ. 25 अगस्त को जलगांव.....

भोपाल,Lakhpati Didi Yojana: जीवन में कभी-कभी ऐसे मौके आते हैं जिनकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होती है। लखपति दीदी संगीता के साथ भी ऐसा ही हुआ. 25 अगस्त को जलगांव (महाराष्ट्र) में आयोजित लखपति दीदी सम्मेलन में संगीता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आमने-सामने बातचीत करने का मौका मिला। यह उनके जीवन का अविस्मरणीय पल था जिसे वह कभी नहीं भूल पाएंगी।

Lakhpati Didi Yojana:  सीहोर जिले के इछावर ब्लॉक के बिचौली गांव की रहने वाली लखपति दीदी संगीता

प्रधानमंत्री मोदी से सीधी चर्चा को लेकर बेहद उत्साहित हैं. वह कहती हैं कि प्रधानमंत्री ने हमारे काम को जाना, समझा और तारीफ की. संगीता ने प्रधानमंत्री को बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2021 में 10 हजार किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) तैयार करने की योजना शुरू की है.इसी योजना में हमने 2021 में ही आत्मनिर्भर महिला फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का गठन किया। पहले ही साल में हमारी कंपनी से एक हजार से अधिक किसान महिलाएं जुड़ गईं। सबकी मेहनत रंग लाई। कंपनी ने पहले ही साल 2 करोड़ 48 लाख रुपए का बिजनेस कर लिया। हमारी कंपनी से अब तक दो हजार से अधिक किसान दीदियां जुड़ चुकी हैं। इनमें से 1200 से अधिक दीदियां लखपति दीदी बन चुकी हैं। प्रधानमंत्री ने संगीता और उनकी फार्मर कंपनी की सराहना कर शाबाशी दी।

अपनी फार्मर कंपनी की सफलता से संगीता और अन्य सभी किसान दीदियां बेहद खुश हैं। उनकी कंपनी फसल बीज संग्रहण और आऊटपुट बिजनेस के रूप में गेहूं, सोयाबीन, मक्का व अन्य अनाजों की खरीदी पर काम कर रही है। कंपनी अब तक 5 करोड़ 43 लाख रुपए का बिजनेस (एन्युअल टर्नओवर वेल्यू) कर चुकी है। उनके किसान समूह की प्रगतिशीलता से ही कंपनी प्रतिनिधि के रूप में संगीता को लखपति दीदी सम्मेलन में जलगांव बुलाया गया था। एक साधारण गृहणी से फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का बिजनेस संभालने वाली संगीता अब पूरी तरह बिजनेस वुमन बन चुकी हैं। वे उन्हें प्रधानमंत्री से संवाद का अवसर देने के लिये महिला एवं किसान हितैषी मध्यप्रदेश सरकार और आजीविका मिशन का हृदय से आभार जताती हैं।

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