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Lok Sabha Election 2024: मतदान से पहले छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस को लगे दो झटके, इन दो दिग्‍गज नेताओं ने छोड़ी पार्टी, भाजपा में होंगे शामिल

लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में चुनावी हलचल तेज हो गई है. इस बीच कांग्रेस को एक ही दिन में दो बड़े झटके लगे हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है.

रायपुर, Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में चुनावी हलचल तेज हो गई है. इस बीच कांग्रेस को एक ही दिन में दो बड़े झटके लगे हैं. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व विधायक शिशुपाल सोरी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है. खबरों के मुताबिक शिशुपाल सोरी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. शिशुपाल सोरी गुरुवार शाम रायपुर में अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं |

इधर, बिलासपुर में तीन दिन पहले कांग्रेस से नामांकन फॉर्म खरीदने वाले प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य विष्णु यादव भी कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा कांग्रेस विधायक चंद्रदेव राय के भी बीजेपी में शामिल होने की खबर है.

कांग्रेस की खराब नीति और उपेक्षा से आहत थे शिशुपाल सोरी

कांग्रेस नेता शिशुपाल सोरी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समक्ष भाजपा में शामिल होंगे। शिशुपाल सोरी ने बताया कि वह कांग्रेस की खराब नीति और उपेक्षा से आहत होकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. आपको बता दें कि विधायक होने के बावजूद छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में शिशुपाल सोरी का टिकट काट दिया गया था |

बिलासपुर सीट से देवेन्‍द्र यादव को टिकट दिए जाने से नाराज थे विष्‍णु यादव

बिलासपुर लोकसभा सीट से देवेन्‍द्र यादव को टिकट दिए जाने के बाद से नाराज चल रहे थे। विष्णु यादव ने नामांकन फार्म खरीदने के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि बार-बार उनके साथ अन्याय हो रहा है। एक बार उनका नाम घोषित हो जाने के बाद टिकट में बदलाव कर दिया जाता है। वे पूर्व में एआईसीसी के डेलिगेट रह चुके हैं।

बतादें कि छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस में लगातार झटके पर झटका लग रहा है। इससे पहले भी छत्‍तीसगढ़ के बिलासपुर, जगदलपुर सहित अन्‍य शहरों से कई बड़े नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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