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Mahtari Vandan Yojana: महतारी वंदन योजना की सूची से तीन महीने में करीब 700 महिलाएं बाहर, कहीं इसमें आपका नाम तो नहीं…

Mahtari Vandan Yojana: विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली महतारी वंदन योजना की सूची से तीन महीने में करीब 700 महिलाएं बाहर हो गई हैं

छत्तीसगढ़, Mahtari Vandan Yojana: विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाली महतारी वंदन योजना (Mahtari Vandan Yojana) की सूची से तीन महीने में करीब 700 महिलाएं बाहर हो गई हैं. फरवरी में आवेदन करने वाली महिलाओं की संख्या 2 लाख 59 हजार 192 थी. जांच में कुछ महिलाएं अपात्र पाई गईं. जून में अपने बैंक खाते में 1000 रुपये की किस्त पाने वाली महिलाओं की संख्या केवल 2 लाख 58 हजार 474 है।

महतारी वंदन योजना से वंचित अधिकांश महिलाओं को मापदंड से बाहर बता दिया गया। दस्तावेजी कमियों और त्रुटियों के कारण कई महिलाएं एक या दो किश्तें प्राप्त करने के बाद अपात्रों की सूची में शामिल हो गईं। शासन स्तर पर कराई जा रही जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि ऐसा क्यों हो रहा है।

विधानसभा चुनाव जीतने के बाद शुरू की थी आवेदन प्रक्रिया (Mahtari Vandan Yojana)

विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी सरकार ने फरवरी के मध्य से आवेदन प्रक्रिया शुरू की, जो महीने के अंत तक जारी रही. 1,000 रुपये की पहली किस्त मार्च के दूसरे सप्ताह में महिलाओं के बैंक खातों में जमा की गई थी। इसके बाद अप्रैल में कई महिलाओं को उनके खाते में पैसे नहीं मिले. यही स्थिति मई और जून में भी रही। हर माह लाभार्थी महिलाओं की संख्या घटती जा रही है।

हालांकि कहा जा रहा है कि जिन महिलाओं को सूची से बाहर किया जा रहा है, उनमें से कुछ ने एक से अधिक बार आवेदन किया है, लेकिन भुगतान केवल आधार से जुड़े बैंक खातों में ही किया जा रहा है। ऐसे में ऐसी गलती संभव नहीं मानी जाती. हो सकता है कि कुछ महिलाओं के नाम उनकी मृत्यु के कारण हटा दिए गए हों, लेकिन किसी को समझ नहीं आ रहा कि हर महीने औसतन 233 महिलाओं के नाम सूची से गायब क्यों हो जाते हैं।

महिलाएं हो रही है परेशान

योजना लागू हुए चार माह हो गये हैं. आवेदन करने वाली करीब दो हजार महिलाएं अब भी बैंक खाते में पैसा आने का इंतजार कर रही हैं। इसके लिए वे आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ-साथ ऑनलाइन सेंटरों का भी चक्कर लगाते-लगाते थक जा रहे हैं।

इनमें से ज्यादातर महिलाओं की शिकायत है कि सारी प्रक्रिया पूरी करने और सारे दस्तावेज जमा करने के बावजूद उन्हें एक भी किस्त नहीं मिली है. पूछने पर बताया जाता है कि राशि उनके खाते में आ गयी है. महिलाएं भाग-दौड़ से थककर हताश होकर घर में बैठी हैं।

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