मध्य प्रदेश, Mohan Cabinet Expansion: लोकसभा चुनाव में भाजपा में शामिल हुए विजयपुर (मुरैना) से छह बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत को मोहन सरकार के 68वें दिन सोमवार को 19वां कैबिनेट मंत्री बनाया गया। राज्य में यह पहली बार है कि किसी को 20 मिनट में दो बार शपथ दिलाई गई। रावत ने राज्य मंत्री की जगह राज्य मंत्री पद की शपथ ली. इससे उनके कैबिनेट मंत्री बनने पर संदेह पैदा हो गया। जब यह गलती पकड़ी गई तो राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने रावत को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई.
Mohan Cabinet Expansion: रावत को मंत्री बनाने से कई वरिष्ठ भाजपा नेता नाखुश हैं
पूरे मंत्रिमंडल को मिलेगा अनुभव का लाभ
रामनिवास रावत के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने बधाई दी। सीएम ने कहा, मंत्रिमंडल में नए सदस्य का आगमन हुआ है। रावत सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय रहे। चंबल अंचल के श्योपुर जैसे विकास की संभावना वाले जिले को प्रभावी प्रतिनिधित्व प्रदान कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री के नाते उनके अनुभव का लाभ पूरे मंत्रिमंडल को मिलेगा।
समझिए मोहन कैबिनेट
मुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री: 02
कैबिनेट मंत्री: 19
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार): 06
राज्यमंत्री: 04
कुल कैबिनेट: 32
कुल तय क्षमता : 35
अभी रिक्त : 03
कारण तो शीर्ष नेतृत्व बता सकेगा
पत्रिका ने मध्य प्रदेशके सबसे वरिष्ठ 9वीं बार के विधायक गोपाल भार्गव से बातचीत की तो उन्होंने कहा-मैं 15000 दिनों से लगातार विधायक हूं, लेकिन रावत को मंत्री किस मजबूरी में बनाया गया ये तो शीर्ष नेतृत्व ही बता सकता है। रही बात कार्यकर्ताओं में असंतोष की तो आप उनसे बात करेंगे तो वो अपने मन की बात आपसे खुद ही कह देंगे।
कांग्रेस ने बताया, आचार संहिता का उल्लंघन, आयोग से शिकायत
कांग्रेस ने रावत को मंत्री पद की शपथ दिलाने को आचार संहिता का उल्लंघन बता मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन को शिकायत सौंपी। शिकायत में बताया, अमरवाड़ा उपचुनाव के लिए 10 जुलाई को मतदान है। सोमवार को प्रचार खत्म हो रहा था।
रावत को 6 माह में फिर जीतना होगा विस चुनाव
रावत का चंबल क्षेत्र में खासा प्रभाव है। चंबल संभाग के श्योपुर, मुरैना और शिवपुरी में रावत समाज का वर्चस्व है। रामनिवास ओबीसी समुदाय से आते हैं। उनकी सौम्य छवि और समाज में खासे प्रभाव का भाजपा को लोकसभा चुनाव में फायदा मिला। रावत को इस्तीफे के बाद अब 6 माह में चुनाव जीतकर फिर सदन पहुंचना होगा।