Piyush Mishra in Indore: ‘शराब की लत थी, ब्रेन स्ट्रोक के बाद चल नहीं पाता था…’, फिर कैसे बदल गई उनकी जिंदगी, जानिए पीयूष मिश्रा की जुबानी
Piyush Mishra in Indore: फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में अपने दमदार किरदार और 'अरे रुक जा रे बंदे', 'आरंभ है प्रचंड' जैसे गानों से मशहूर एक्टर....
इंदौर,Piyush Mishra in Indore: पीयूष मिश्रा इंदौर में: पीयूष मिश्रा इन दिनों ‘आरंभ है प्रचंड’ और ‘एक बगल में चांद’ गाने को लेकर इंटरनेट मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहे हैं। उनका लिखा नाटक ‘गगन दमामा बाज्यो’ शनिवार को इंदौर के लाभ मंडपम में प्रस्तुत किया गया। इस दौरान उन्होंने जीवन के संघर्षों और कई अनछुए पहलुओं पर भी चर्चा की.
उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा भी था जब वह शराब में डूब गए थे. ब्रेन स्ट्रोक के कारण जिंदगी मुश्किल हो गई थी. फिर जीवन को नई दिशा कैसे मिली? वह कौन सी चीज़ है जिसने न केवल उनकी शराब की लत छुड़ाई बल्कि उन्हें अपने काम में आगे बढ़ने में भी मदद मिली? जानिए पूरी कहानी, पीयूष मिश्रा की जुबानी…
Piyush Mishra in Indore: साल 2009 में मुझे ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. मैं उस वक्त अमेरिका में था
मेरे दाहिने हाथ और मेरे चेहरे के दाहिने हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। उस समय डॉक्टर ने कहा कि मैं अब नहीं चल सकता। न तो उठ सकते हैं और न ही बैठ सकते हैं. हिल नहीं सकता. लेकिन, इसके बाद ही मैंने ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ आदि फिल्मों में अभिनय किया। यह सब ध्यान के माध्यम से संभव हो सका। उस समय एक सज्जन ने मुझे ध्यान करने के लिए प्रेरित किया। तब से मैं प्रतिदिन ध्यान करता हूं। यदि मैंने ध्यान न किया होता तो मेरा जीवन बहुत पहले ही नष्ट हो गया होता। कुछ बुरी आदतों के कारण मैंशराब पीने लगा था। एक तरीके से मुझे एल्कोहलिज्म बीमारी हो गई थी। ध्यान करने से न सिर्फ मेरी शराब छूटी, बल्कि मेरे काम में कई गुना वृद्धि हुई।
‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’
लोग मेरी काफी इज्जत करने लगे थे। मगर, मैं लोगों को ये बताना चाहता था कि पहले मैं कैसा था। इसलिए ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ उपन्यास लिखा। शुरुआती दौर में इसमें मैं अपनी तारीफ लिखता जा रहा था। बाद में मैंने अपने लिए भद्दा लिखना शुरू किया। हालांकि, कई लोगों ने टोका भी कि इतना भी सच नहीं बोलना होता है। पहले किताब का नाम अलग था। बाद में दोस्तों के कहने पर नया नाम रखा।
प्रोफेशनल गायकों की तरह नहीं करता हूं रियाज
ब्लैक फ्राइडे के लिए ‘अरे रुक जा रे बंदे’, गुलाल फिल्म के लिए ‘आरंभ है प्रचंड’, गैंग्स आफ वासेपुर-1 फिल्म के लिए ‘इक बगल में चांद होगा’ आदि गाने लिखे। ये सभी गाने अभी भी इंटरनेट मीडिया पर काफी ट्रेंड कर रहे हैं। मैं शुरुआत से गाने गाता था। परंतु कभी इस क्षेत्र में करियर बनाने की दिशा में प्रयास नहीं किया। पहले दूसरों की महफिल में गाता था। इसके बाद हम तीन दोस्तों ने खुद का बैंड बनाया।