Pradeep Mishra Katha in CG: प्रदीप मिश्रा कथा शुरू होने से दो दिन पहले ही भक्तों ने डाला डेरा, 18 से 24 जून तक गंडई में होगा आयोजन

Pradeep Mishra Katha in CG: अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्र कथा का वाचन करेंगे। इस आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियां चल रही हैं. आयोजन.... समिति से लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर है.

गंडई,Pradeep Mishra Katha in CG: 18 से 24 जून तक गंडई में आस्था का सैलाब उमड़ेगा। सात दिनों तक शिव महापुराण कथा सुनाई जाएगी। अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्र कथा का वाचन करेंगे। इस आयोजन को लेकर व्यापक तैयारियां चल रही हैं. आयोजन समिति से लेकर प्रशासन भी अलर्ट पर है.इन तैयारियों के बीच शिव भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. कथा शुरू होने से दो दिन पहले ही सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पंडाल में डेरा जमा चुके हैं. वह अपने परिवार के साथ बोरिया-बिस्तर लेकर खड़े हैं. न सिर्फ प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से भी श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है.

(Pradeep Mishra Katha in CG) श्रद्धालु पूरी व्यवस्था के साथ कथा पंडाल में पहुंचकर अपना स्थान सुरक्षित कर रहे हैं

बाहर से पहुंचे सिंघोला निवासी टीमन साहू, मानेगांव मध्य प्रदेश निवासी शांति बाई धुर्वे, साल्हेवारा निवासी गणेशिया यादव, मोहेलाल रुनकुएं, रूपलाल पालके, भीखम पिव्हारे, समलिया राम साल्हेवारा, काली बाई सिंघरे, अंजनिया बाई मंडला। पार्वती साहू बालोद, मानसी बाई बेमेतरा ने बताया। वह पंडित मिश्रा अब तक करीब 3 से 4 कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं. कार्यक्रम से 2 से 3 दिन पहले प्रस्तावित पंडाल में कैंप करें. सभी दैनिक उपयोगी सामान लेकर डेरा डारकर बैठ जाते हैं। बताया कि भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था है।

कलश यात्रा को लेकर उत्साह

गंडई में होने वाले शिव महापुराण कथा के एक दिन पूर्व 17 जून को सुबह 8 बजे टिकरीपारा वार्ड 14 स्थित प्राचीन शिव मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाएगी, जहां महिलाएं पीले साड़ी में कलश के साथ नजर आएंगी। साथ ही पूरे रास्ते भर ठंडा पानी और अन्य व्यवस्थाएं रहेंगी।

एमपी से मंगाई गईं बेलपत्तियां

आयोजक समिति ने बताया कि शिव महापुराण कथा में भगवान शिव के लिए मानिकपुर अंजनिया जिला मंडला मध्यप्रदेश से बेल पत्ती मंगाई गई है। बताया कि एक बेलपत्ती में 15 से 20 पत्ते होते हैं जो आसपास यहां नहीं मिलते, इसलिए बाहर से मंगाए हैं। साथ ही स्वयं सहायता समूह की महिलाएं स्थानीय सहित गांव-गांव से फूल लाएंगे।

Exit mobile version