राजस्थान

Rajasthan Borewell Tragedy: एक ढाई साल की बच्ची बोरवेल में गिर गई. उसे सुरक्षित निकालने की कोशिशें जारी हैं, जेसीबी से खुदाई की जा रही है.

Rajasthan Borewell Tragedy: दौसा जिले के बांदीकुई थाना क्षेत्र में बुधवार को ढाई साल की एक बच्ची खेलते समय बोरवेल में गिर गई....

दौसा,Rajasthan Borewell Tragedy: राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई थाना इलाके में बुधवार को एक ढाई साल की बच्ची खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गई. लड़की को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन ने तीन जेसीबी मशीनों से आसपास के इलाके में खुदाई शुरू कर दी है. पुलिस उपनिरीक्षक भरत लाल ने बताया कि जोधपुरिया गांव में शाम को खेलते समय ढाई वर्षीय नीरू गुर्जर का पैर गिर गया।

Rajasthan Borewell Tragedy: पुलिस उपनिरीक्षक ने बताया कि लड़की को सुरक्षित निकालने के लिए

पुलिस और प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मौके पर पहुंच गये हैं. तीन जेसीबी और एक ट्रैक्टर का उपयोग करके बोरवेल के आसपास खुदाई की जा रही है। डॉक्टर और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने बताया कि बच्ची को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है.प्रयास युद्ध स्तर पर किये जा रहे है।

Rajasthan Borewell Tragedy: जानकारी के अनुसार, बोलवेल में गिरी बच्ची नीरू पिता राहुल गुर्जर के घर के पास ही खेत है

खेत में बाजरे की फसल हो रही है। खेत के एक कोने में करीब 600 फीट गहरा बोरवेल है। बोरवेल के पास बारिश से गहरा गड्ढा हो गया। शाम 5 बजे तीन-चार बच्चे बोरवेल के पास खेल रहे थे। इसी दौरान नीरू गड्‌ढे में गिर गई। ASP लोकेश सोनवाल ने बताया कि बच्ची 35 फीट की गहराई में है। सबसे पहले बच्ची को ऑक्सीजन मुहैया कराया गया है। बच्ची अभी स्थिर है, जीवित है। जल्द ही बच्ची को बाहर निकाला जाएगा

बारिश के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

चार जेसीबी और तीन ट्रेक्टरों की मदद से खुदाई व मिट्टी को हटाने का कार्य जोरों पर किया गया। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू होने के कुछ देर बाद ही बारिश का दौर शुरू हुआ जिस पर प्रशासन ने बोरवेल को टैंट और तिरपाल से ढकवाया। बारिश से रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि पुलिस प्रशासन की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन को लगातार बारिश के बीच जारी रखा गया। वहीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को भी रेस्क्यू के लिए मौके पर बुलाया गया।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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