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ब्रोशर में तुरंत घर देने के ऑफर के बावजूद उपभोक्ता को अभी तक घर नहीं देने वाले बिल्डर के खिलाफ रेरा अथॉरिटी ने सख्त फैसला सुनाया है। रेरा अथॉरिटी ने बिल्डर को 45 दिन के अंदर उपभोक्ता को ब्याज समेत 36 लाख 92 हजार 600 रुपये लौटाने का आदेश दिया है.
रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला और सदस्य धनंजय देवांगन ने बताया कि पद्मनाभपुर दुर्ग निवासी सिद्धार्थ कोठारी (जैन) ने रजत बिल्डर्स अजय सुराना (पार्टनर), रजत सुराना, नेहरू लाल मुंडा के खिलाफ प्राधिकरण में शिकायत की थी।
इस शिकायत में आवेदक सिद्धार्थ कोठारी ने बताया कि उन्होंने 20 अक्टूबर 2013 को बिल्डर के प्रोजेक्ट में तीसरी मंजिल पर एक फ्लैट बुक किया था, इसकी कीमत 20 लाख रुपये थी. सिद्धार्थ ने बताया कि बिल्डर ने उनसे कहा था कि वह 18 महीने के अंदर घर पूरा कर देंगे. इस पर उन्होंने 18 लाख रुपये का भुगतान भी किया. इसके बाद भी उन्हें अभी तक उनका फ्लैट नहीं मिला है.
दोनों पक्षों की बातें सुनी गईं और रेरा अथॉरिटी से जांच कराई गई। जांच के बाद रेरा अध्यक्ष संजय शुक्ला और सदस्य धनंजय देवांगन ने उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि बिल्डर 45 दिन के भीतर उपभोक्ता को 36 लाख 92 हजार 600 रुपये की रकम लौटाएगा.
जिला उपभोक्ता फोरम ने भी बिल्डर के खिलाफ फैसला सुनाया
जिला उपभोक्ता फोरम ने फैसला सुनाते हुए रजत बिल्डर्स पद्मनाभपुर के संचालक, मैनेजर और उनके दो पार्टनरों के खिलाफ 4 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. इसके साथ ही उपभोक्ता फोरम ने आदेश में यह भी कहा कि फ्लैट बुकिंग राशि 3 लाख 52 हजार रुपये और 20 हजार रुपये मुकदमा खर्च भी देना होगा. फोरम ने यह आदेश शुक्रवार को दो मामलों में सुनाया. पद्मनाभपुर निवासी अंजू देसाई ने बिल्डर के खिलाफ शिकायत की थी।
इन मामलों की शिकायत आप RERA में भी कर सकते हैं
- बिल्डर ने ब्रोशर में आकर्षक ऑफर दिए और उन ऑफर को पूरा नहीं किया।
- समय पर मकान देने का वादा करने के बाद भी मकान नहीं दिया गया।
- यदि उपभोक्ता से अनुमति लिए बिना ब्रोशर में कोई बदलाव किया गया है।
- मकान के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया होगा।
ऐसे करें शिकायत
उपभोक्ता चाहे तो घर बैठे ही रेरा की ऑनलाइन साइट पर जाकर बिल्डर के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है। अन्यथा रेरा कार्यालय में जाकर आवेदन किया जा सकता है।
हर तीन माह में प्रगति रिपोर्ट अपलोड करनी होगी
रेरा के नियमों के मुताबिक, अब बिल्डर को हर तीन महीने में अपने प्रोजेक्ट की प्रगति रिपोर्ट रेरा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी. अगर बिल्डर ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ रेरा अथॉरिटी की ओर से कार्रवाई की जाएगी. इन दिनों अथॉरिटी ऐसे बिल्डरों को नोटिस भेज रही है।