बिलासपुर

Soumya Chaurasia Bilaspur Case: सौम्या चौरसिया को फिर हाई कोर्ट से झटका, तीसरी बार जमानत याचिका खारिज

Soumya Chaurasia Bilaspur Case: कोयला लेवी घोटाले में हाईकोर्ट ने सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका तीसरी बार खारिज की; फैसले से जुड़े रहस्य खुलने की संभावना

बिलासपुर,Soumya Chaurasia Bilaspur Case: कोयला लेवी वसूली मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने तीसरी बार खारिज कर दी है। जस्टिस एनके व्यास की एकलपीठ ने यह फैसला देते हुए याचिका खारिज कर दी. इस फैसले की पुष्टि राज्य के उप महाधिवक्ता और ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडे ने की है.

कोयला लेवी घोटाला गिरफ्तारी (Soumya Chaurasia Bilaspur Case)

बता दें कि 570 करोड़ रुपये के कोयला लेवी वसूली मामले में सौम्या चौरसिया के साथ-साथ आईएएस समीर बिश्नोई रानू साहू और अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था. परिवहन और पीट पास जारी करने के एवज में कोयला व्यापारियों से प्रति टन के हिसाब से रुपये वसूले जाते थे। जो व्यवसायी रकम नहीं देता था, उसे परिवहन पास नहीं दिया जाता था। इसे एक पूरे सिंडिकेट की तरह चलाया गया. व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी को सिंडिकेट का सरगना माना जाता था. सूर्यकांत तिवारी को ये ताकत सौम्या चौरसिया से मिलती थी. जांच के बाद ईडी ने सौम्या चौरसिया समेत दो आईएएस अधिकारियों समेत अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

सौम्या चौरसिया की संपत्ति जांच

कोयला घोटाले की जांच में ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू ने भी कहा है कि सौम्या चौरसिया और उनके परिवार ने आय से अधिक 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्तियां खरीदीं. यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है। इस मामले में सौम्या चौरसिया डेढ़ साल से जेल में हैं। उनकी जमानत याचिका पहले भी दो बार खारिज हो चुकी है. अब आईएएस रानू साहू और दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने पर सौम्या चौरसिया ने तीसरी बार जमानत याचिका दायर की थी.

सौम्या चौरसिया का जमानत लाभ

सौम्या चौरसिया के वकील ने दलील दी थी कि सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में हैं. उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं. मामले की सुनवाई में काफी वक्त लगेगा. इस मामले में तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इसलिए उन्हें भी जमानत का लाभ दिया जाना चाहिए. सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास की एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब फैसला सार्वजनिक कर दिया गया है.

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