Will Kumari Selja join BJP? क्या छत्तीसगढ़ कांग्रेस की पूर्व प्रभारी कुमारी शैलजा बीजेपी में शामिल होंगी? चुनावी समर के बीच पूर्व सीएम ने दिया खुला ऑफर!

Will Kumari Selja join BJP? हमने कई नेताओं को अपने साथ मिलाया है और हम तैयार हैं उन्हें भी अपने साथ लाने के लिए।".....

चंडीगढ़, Will Kumari Selja join BJP? हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान कुमारी शैलजा की खूब चर्चा हो रही है. विधानसभा चुनाव में दलित नेता कुमारी शैलजा को कांग्रेस ने पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है. आलम यह है कि अब शैलजा ने खुद को चुनाव से दूर कर लिया है और एक हफ्ते से चुनाव प्रचार से दूर होकर दिल्ली में आराम कर रही हैं. ऐसा अब माना जाने लगा है जा रहा है कि कहीं कांग्रेस को इसका भारी भरकम खामियाजा न भुगतना पड़ जाए। सैलजा के साथ कांग्रेस में ऐसा व्यवहार देख पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने मंच से बीजेपी में आने का खुल्ला ऑफर दे दिया।

सैलजा की वजह से बीजेपी को फायदा!

Will Kumari Selja join BJP? : दरअसल, सैलजा और हुड्डा के बीच खींचतान चल रही थी। सैलजा भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। अहम बात कि सैलजा सीएम पद पर भी दावा ठोक रही थी। अब हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के पोस्टरों से भी सैलजा गायब हो गया है। पार्टी के नेताओं और प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के दौरान पोस्टरों में सैलजा को जगह नहीं दी है। अब इसका पूरा फायदा बीजेपी उठा रही है। बीजेपी के सैलजा के प्रति सुर बदलते हुए भी नजर आए। जिसका उदाहरण हरियाणा पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर हैं।

बीजेपी में आने का मिला ऑफर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि पार्टी की दलित नेता कुमारी शैलजा का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि शैलजा को गालियां तक दी गई हैं और अब वे घर बैठी हैं। मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा और गांधी परिवार पर आरोप लगाते हुए कहा, “इस अपमान के बावजूद उन्हें कोई शर्म नहीं आई है। आज एक बड़ा वर्ग सोच रहा है कि क्या करें। हमने कई नेताओं को अपने साथ मिलाया है और हम तैयार हैं उन्हें भी अपने साथ लाने के लिए।”

बता दें कि पूर्व सीएम खट्टर की इस टिप्पणी ने हरियाणा की चुनावी राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर तब जब कुमारी शैलजा पिछले हफ्ते से पार्टी के प्रचार से दूर हैं। हालाँकि वे अपने घर पर समर्थकों से मिल रही हैं, लेकिन क्षेत्र में सक्रिय नहीं दिख रही हैं। दलित वोट बैंक की राजनीति करने वाली पार्टियां भी शैलजा को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हैं।

 

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