बीजापुर

Bijapur BJP Leader Ajay Singh Suspended: सर्व आदिवासी समाज के नेता के साथ दुर्व्यवहार करना अजय सिंह को पड़ा महंगा, बीजेपी ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

Bijapur BJP Leader Ajay Singh Suspended: छत्तीसगढ़ की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने बीजापुर बीजेपी नेता अजय सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. अजय सिंह पर.....

 बीजापुर,Bijapur BJP Leader Ajay Singh Suspended: छत्तीसगढ़ की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने बीजापुर बीजेपी नेता अजय सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया है. अजय सिंह पर सर्व आदिवासी समुदाय के नेता के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप है, जिसमें उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है. आपको बता दें कि अयाज सिंह पहले भी विवादों में रह चुके हैं. विवादों से जुड़े रहने के कारण कांग्रेस ने भी उन्हें निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले ली और यहां भी उन्हें निष्कासित कर दिया गया है. इस संबंध में बताएंइस संबंध में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के कार्यालय से आदेश जारी किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार भैरमगढ़ में लंबे समय से बंद पड़ा क्रशर प्लांट फिर से शुरू किया गया है, जिसके विरोध में स्थानीय लोगों के साथ अजय सिंह प्लांट बंद कराने पहुंचे थे। इस दौरान क्रशर प्लांट ठेकेदार सुरेश चंद्राकर से अजय सिंह का विवाद हो गया। आरोप है कि अजय सिंह ने इस दौरान सुरेश चंद्राकर के साथ मौजूद आदिवासी युवक को जातिगत गालियां दी है। इस मामले को लेकर अजय सिंह के खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज किया जा चुका है।

कौन हैं अजय सिंह

अजय सिंह पहले कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से शामिल थे। करीब दो साल पहले उन्हें कांग्रेस ने पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था। अजय सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप था। अजय सिंह ने स्थानीय विधायक विक्रम मंडावी के खिलाफ मोर्चा खोला था। वे विधायक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए थे। अजय सिंह दिवंगत नेता और बस्तर टाइगर के नाम से पहचाने जाने वाले महेंद्र कर्मा के करीबी थे। झीरम हमले में नक्सलियों की गोलियों से बचकर निकले थे। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार आई तो इन्हें युवा आयोग का सदस्य बनाया गया था। पार्टी से निकाले जाने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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