मध्य प्रदेश

Dhar Accident News: ट्रॉली पहाड़ी से टकराई, अंदर फंसा ड्राइवर जान बचाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन ग्रामीणों ने 4 घंटे की मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला

Dhar Accident News: हादसा शनिवार सुबह 6 बजे धार जिले के गुजरी क्षेत्र के भारूदपुरा घाट पर हुआ। पहाड़ी से टकराने के बाद ट्रॉली में रखी केबल..

 धार,Dhar Accident News: धार-गुजरी मार्ग पर भरूड़पुरा घाट पर शनिवार सुबह 6 बजे एक ट्रॉला अनियंत्रित होकर पहाड़ी से टकरा गया। हादसे के बाद ड्राइवर अंदर ही फंस गया और लोगों से जान बचाने की गुहार लगाता रहा. ग्रामीण और पुलिस उसका हौसला बढ़ाते रहे और क्रेन की मदद से चार घंटे की मशक्कत के बाद आखिरकार उसे बाहर निकालने में सफलता मिली. ड्राइवर और कंडक्टर को 108 एंबुलेंस की मदद से इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

(Dhar Accident News) जानकारी के अनुसार सुबह 6 बजे ट्राला (एमच 18 बीजी 1496) धार से धामनोद की ओर जा रहा था

तभी भारुडपुरा घाट पर अंधे मोड़ पर अचानक अनियंत्रित होकर ट्राला पहाड़ी से टकरा गया। ट्राले के अंदर वजनी केबल थी, जो ड्राइवर के केबिन पर आ गई। जिसके बाद परिचालक इससे टकराकर बाहर जा गिरा और घायल हो गया। 108 एंबुलेंस की मदद से उसे तुरंत इलाज के लिए नालछा अस्पताल भेजा गया।

ड्राइवर के पैर में आ गई थी लोहे की केबल

ड्राइवर के पैर में लोहे की केबल आ जाने से वो स्टीयरिंग के वहीं फंस गया। पुलिस और ग्रामीणों ने क्रेन की मदद से चार घंटे की मशक्कत के बाद ड्राइवर को बाहर निकाला और एंबुलेंस से धामनोद अस्पताल पहुंचाया।

तेज गर्मी में ग्रामीण ड्राइवर को रूमाल हिलाकर हवा करते रहे

ड्राइवर देवीलाल पिता वर्दीचंद उम्र 35 साल निवासी दलोद राजस्थान ट्राले के केबिन के अंदर बुरी तरह से फंसा हुआ था। दुर्घटना के बाद वो लोगों से बार-बार मदद की गुहार लगाता रहा। इसके बाद ग्रामीण आगे आए और क्रेन को बुलाया गया। इस दौरान तेज धूप होने पर ग्रामीण उसे रूमाल से हवा भी करते रहे। आखिरकर 4 घंटे की मशक्कत के बाद उनकी मेहनत रंग लाई और ड्राइवर को बाहर निकाल लिया गया।

हादसा शनिवार सुबह 6 बजे धार जिले के गुजरी क्षेत्र के भारूदपुरा घाट पर हुआ। पहाड़ी से टकराने के बाद ट्रॉली में रखी केबल केबिन के ऊपर आ गिरी। इससे परिचालक बाहर गिर गया और चालक अंदर फंस गया। ग्रामीण अंदर फंसे चालक को ढांढस बंधाते रहे और उसे गर्मी से बचाने के लिए रूमाल लहराकर हवा भी करते रहे। आख़िरकार वे ड्राइवर को बाहर निकालने में सफल रहे.

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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