अलीगढ़, FIR Registered Against Acharya Balkrishna: पतंजलि के ‘भ्रामक’ विज्ञापनों पर विवाद के बाद अब पतंजलि प्रमुख बाबा रामदेव के शिष्य आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज (FIR Registered Against Acharya Balkrishna) की गई है। अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडे ने आरोप लगाया है कि पतंजलि आयुर्वेद हरिद्वार में 7 दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा कोर्स के नाम पर 29400 रुपये ऑनलाइन लिए गए। फिर 45 हजार और मांगे गए। इसके बाद भी कैंप में शामिल नहीं किया गया।
आचार्य बालकृष्ण समेत 3 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज (FIR Registered Against Acharya Balkrishna)
अलीगढ़ में अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी धोखाधड़ी का शिकार हो गए. उन्होंने पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण समेत 3 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पांडे की ओर से पुलिस को दी गई शिकायत के मुताबिक, उन्होंने सात दिवसीय पतंजलि योग शिविर में भाग लेकर इलाज के लिए आवेदन किया था. उसे ऑनलाइन एक नंबर मिला. इस पर उन्होंने सारी जानकारी दी. वहां से पतंजलि योगपीठ के डॉ. पंकज गुप्ता ने उनसे बात की। इसके बाद निर्धारित शुल्क जमा करने के लिए एक अकाउंट नंबर दिया गया. अकाउंट पतंजलि योगपीठ के नाम से था।
पुलिस कर रही जांच
पूछने पर पतंजलि योगपीठ जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है. खुद आचार्य बालकृष्ण कहते हैं कि उन्हें इस तरह की धोखाधड़ी की जानकारी है, लेकिन वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे मामलों में योगपीठ की ओर से की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर उनके सहायक गगन कुमार भी चुप्पी साध जाते हैं. पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वितीय आरके सिसौदिया ने बताया कि गांधी पार्क थाना क्षेत्र में साइबर ठगी का मामला सामने आया है. आचार्य बालकृष्ण के नाम पर एक फर्जी शख्स ने 29400 रुपये की ठगी कर ली. 45 हजार रुपये की मांग की गयी है. पुलिस साइबर सेल की मदद से जांच कर रही है।
आपको बता दें कि 2006 में स्थापित पतंजलि योग पीठ का विवादों से पुराना नाता रहा है. योग पीठ के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण भी मुश्किल में फंस चुके हैं। विज्ञापनों के जरिये आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था को कमजोर दिखाया गया, जबकि आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने की बात की गयी. इस मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से केस दर्ज कराया गया था. इसके बाद रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी पड़ी. इससे पहले भी बालकृष्ण शैक्षणिक दस्तावेजों से छेड़छाड़, फर्जी पासपोर्ट और विदेश में पैसा जमा करने के मामले में फंस चुके हैं।