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Justice Kait becomes 28th Chief Justice of MP: मप्र हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने ली शपथ, सीएम ने दी शुभकामनाएं

Justice Kait becomes 28th Chief Justice of MP: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने आज राजभवन में शपथ ले ली है. राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने न्यायमूर्ति कैत को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई....

भोपाल, Justice Kait becomes 28th Chief Justice of MP: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत ने आज राजभवन में शपथ ले ली है. राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने न्यायमूर्ति कैत को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। इस दौरान मंच पर मध्य प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव की भी मौजूदगी देखने को मिली. वहीं सीएम मोहन यादव ने चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत को बधाई दी.

दरअसल, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमठ के इसी साल 24 मई को सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली पड़ा हुआ था। हालांकि, उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव सचदेवा कार्यवाहक के रूप यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे। गत 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम ने मप्र के मुख्य न्यायाधीश के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत के नाम की अनुशंसा की थी। बीते शनिवार को कानून मंत्रालय द्वारा जस्टिस सुरेश कुमार कैत को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट का 28वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना जारी की थी।

 Justice Kait becomes 28th Chief Justice of MP: जस्टिस कैत मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की और 1989 में वकालत शुरू की। उन्होंने भारतीय रेलवे और यूपीएससी जैसे मामलों में केंद्र सरकार की ओर से केस लड़े। साल 2008 में उन्हें दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त जज नियुक्त किया गया और 2013 में स्थायी जज के रूप में पदोन्नत किया गया। उन्होंने अपने कानूनी करियर में कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई हिंसा से जुड़े मामले शामिल हैं, जिनमें उनके दृष्टिकोण की सराहना की गई थी।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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