महाराष्ट्र, Mumbai Twin Tunnel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र के दौरे पर हैं. इस दौरान पीएम मोदी महाराष्ट्र को कई बड़ी सौगातें देंगे. इस लिस्ट में मुंबई के बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट ट्विन टनल का नाम भी शामिल है. पीएम मोदी भूमि पूजन करते हुए ट्विन टनल (Mumbai Twin Tunnel) को हरी झंडी दिखाएंगे. इस दौरान महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे. मुंबई को इस अनोखी सुरंग का सालों से इंतजार है। ठाणे को बोरीवली से जोड़ने वाली यह सुरंग बेहद खास होगी. आइये इस सुरंग के बारे में विस्तार से जानते हैं।
75 मिनट का सफर महज 20-25 मिनट में होगा पूरा (Mumbai Twin Tunnel)
जुड़वां सुरंग का प्रस्ताव बृहन्मुंबई मुंबई कॉर्पोरेशन (बीएमसी) द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड को जोड़ने की योजना है. आपको बता दें कि फिलहाल मुंबई के पूर्वी से पश्चिमी छोर तक का सफर तय करने में 75 मिनट का समय लगता है. लेकिन ट्विन टनल बनने के बाद यह समय घटकर सिर्फ 20-25 मिनट रह जाएगा. तीसरे चरण में जुड़वां सुरंग संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से भी गुजरेगी।
जमीन के अंदर बनेंगी जुड़वा सुरंगें
ठाणे को बोरीवली सुरंग से जोड़ने वाली यह सुरंग 11.85 किमी लंबी होगी। यह सुरंग कुल 6 लेन की होगी और 6.65 किमी चौड़ी होगी। ये जुड़वां सुरंगें जमीन से 20-160 किमी की गहराई पर बनाई जाएंगी। तीसरे चरण में, जुड़वां सुरंग संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के नीचे से गुजरते हुए 4.7 किमी की दूरी तय करेगी। इस भूमिगत सुरंग के कारण राष्ट्रीय उद्यान की भूमि पर अतिक्रमण नहीं होगा और पार्क में रहने वाले जानवर भी सुरक्षित रहेंगे।
तीन साल पूरा होगा प्रोजेक्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों जुड़वां सुरंगों को बनाने में 6301.08 करोड़ रुपये की लागत आ सकती है। वहीं, इसे बनाने में तीन साल से ज्यादा का समय भी लग सकता है। ऐसे में संभव है कि ट्विन टनल 2028 में बनकर तैयार हो जाएगी। ट्विन टनल का उद्घाटन अक्टूबर 2028 में हो सकता है। हाईटेक सुविधाओं से लैस इस ट्विन टनल में लाइटिंग, वेंटिलेशन सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, कंट्रोल रूम की व्यवस्था होगी। और अग्नि सुरक्षा प्रणाली
कार्बन उत्सर्जन में आएगी गिरावट
मुंबई की जुड़वां सुरंगों के निर्माण के बाद न केवल लोगों का समय और पैसा बचेगा, बल्कि कार्बन उत्सर्जन भी कम हो सकता है। 75 मिनट का सफर 25 मिनट में तय होने से वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम हो जाएगा। आंकड़ों की मानें तो यह सुरंग हर साल 22,400 टन कार्बन उत्सर्जन कम करेगी।।