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Rahul Gandhi on NEET Exam Scam: ‘बीजेपी शासित राज्य पेपर लीक का केंद्र बन गए हैं…’ NEET परीक्षा में धांधली पर बोले राहुल गांधी

Rahul Gandhi on NEET Exam Scam: NEET परीक्षा को लेकर देशभर में राजनीति गर्म है. इस धांधली को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है...

दिल्ली, Rahul Gandhi on NEET Exam Scam: NEET परीक्षा को लेकर देशभर में राजनीति गर्म है. इस धांधली को लेकर कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. वहीं, अब इस मामले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा है

Rahul Gandhi on NEET Exam Scam राहुल गांधी ने कहा कि नीट परीक्षा में 24 लाख से ज्यादा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ के मुद्दे पर बोले

नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह चुप्पी साधे हुए हैं. बिहार, गुजरात और हरियाणा में गिरफ्तारियां स्पष्ट रूप से संकेत देती हैं कि परीक्षा में व्यवस्थित भ्रष्टाचार है और ये भाजपा शासित राज्य पेपर लीक का केंद्र बन गए हैं। हमने अपने न्यायिक दस्तावेज में पेपर लीक के खिलाफ सख्त कानून बनाकर युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने की गारंटी दी थी। विपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए हम देश भर के युवाओं की आवाज हैं।हम देश भर के युवाओं की आवाज सड़क से संसद तक मजबूती से उठा कर और सरकार पर दबाव डाल कर ऐसी कठोर नीतियों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं।

बता दें नीट-यूजी 2024 परीक्षा में हुई गड़बड़ी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की ओर से 0.001 प्रतिशत लापरवाही हुई है तो इससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। इतना ही नहीं कोर्ट ने छात्रों को लेकर चिंता जाहिर की है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले पर अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है।दरअसल, NTA ने 5 मई को नीट परीक्षा कराई थी, लेकिन जब 4 जून को रिजल्ट जारी किया तो देशभर में हंगामा हो गया। दरअसल, परीक्षा में 67 छात्रों को 720 में से पूरे 720 अंक मिले थे। ऐसा NEET-UG के इतिहास में कभी नहीं हुआ था। परीक्षा में बैठे 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। ग्रेस मार्क्स 10 या 20 नहीं बल्कि 100 से 150 दिए थे। ग्रेस मार्क्स पाए इन्हीं 67 छात्रों के पूरे 720 अंक आए थे। ग्रेस मार्क्स के चलते कई बच्चे मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उनका

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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