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Scientists Change DNA Of Chromosomes: वैज्ञानिकों की टीम क्रोमोसोम्स के डीएनए में बदलाव करने में बड़ी सफलता, अब नर को मादा बनाना चुटकी का काम …

Scientists Change DNA Of Chromosomes: अब एक पुरुष को एक महिला में बदलना आसान हो गया है... वैज्ञानिकों ने उन कारणों की खोज कर ली है जो लिंग का निर्धारण करते हैं

टेक्नोलॉजी, Scientists Change DNA Of Chromosomes: एक नए अध्ययन से पता चला है कि वाई क्रोमोसोम से कुछ छोटे कण निकालने से नर जीव मादा बन जाता है। इन छोटे कणों को माइक्रोआरएनए (mircoRNAs) कहा जाता है। यह अध्ययन हाल ही में नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित हुआ है। यह बताता है कि कैसे माइक्रोआरएनए (Scientists Change DNA Of Chromosomes) से कुछ विशिष्ट जीन को हटाकर एक नर चूहा मादा में बदल जाता है।

इस प्रक्रिया ने सेक्स रिवर्सल की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। ग्रेनाडा विश्वविद्यालय में जेनेटिक्स के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक राफेल जिमेनेज़ ने कहा कि हम अपने अध्ययन के नतीजों पर विश्वास नहीं कर सकते। इसके जरिए हम भविष्य में बच्चों का लिंग अपनी इच्छानुसार तय कर सकते हैं। किसी भी देश में लिंगानुपात में सुधार किया जा सकता है।

लाइव साइंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेनाडा यूनिवर्सिटी में जेनेटिक्स के प्रोफेसर और इस अध्ययन के सह-लेखक राफेल जिमेनेज़ ने कहा कि हमें नतीजे इतने अच्छे होने की उम्मीद नहीं थी. आपको बता दें कि स्तनधारियों में लिंग का निर्धारण जीन के विपरीत सेट के बीच संतुलन पर निर्भर करता है। एक सेट से महिलाओं की और दूसरे से पुरुषों की विशेषताएं विकसित होती हैं। वैज्ञानिकों की इस सफलता को बेहद अहम माना जा रहा है.

इस तरह मादा चूहा बन गया नर चूहा (Scientists Change DNA Of Chromosomes)

वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में यही जानने की कोशिश की है. आरएनए शरीर में होने वाली जैविक प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है। ये आरएनए कई प्रकार के जीनों से जुड़े होते हैं और उनमें से एक चौथाई माइक्रोआरएनए होते हैं। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने छह माइक्रोआरएनए की खोज की जो लिंग निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके बाद वैज्ञानिकों ने विकासशील चूहे के भ्रूण से इन 6 माइक्रोआरएनए को हटा दिया। इसके बाद नर चूहा मादा में बदलने लगा।

लिंगानुपात सुधारने में मिलेगी मदद

SRY नामक जीन केवल Y गुणसूत्र पर पाया जाता है। यह पुरुष लक्षण उत्पन्न करता है। यदि किसी के पास केवल X गुणसूत्र है तो यह जीन वहां नहीं होगा और ऐसी स्थिति में स्त्री लक्षण उत्पन्न होंगे। जिमिनेज का कहना है कि इस नतीजे से यह संभावना बढ़ गई है कि भविष्य में हम अपनी इच्छा के मुताबिक बच्चों का लिंग तय कर सकेंगे। इससे कहीं भी लिंगानुपात सुधारने में मदद मिलेगी। वैज्ञानिक अभी तक यह तय नहीं कर पाए थे कि लिंग निर्धारण में कौन से जीन की भूमिका होती है।

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