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Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: तारक मेहता का उल्टा चश्मा में सोढ़ी के बाद अब अब्दुल ‘गायब’, हर कोई चिंतित

Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो के हर किरदार को लोग खूब पसंद करते हैं। इस शो में कई ऐसे किरदार हैं जो शो की शुरुआत से ही इसमें मौजूद हैं. ....

मनोरंजन,TMKOC: गोकुलधाम से अब्दुल लापता: तारक मेहता का उल्टा चश्मा लंबे समय से दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है। शो को लोगों का खूब प्यार मिलता है. इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर भी शो की अच्छी खासी फैन फॉलोइंग है. इस शो के हर किरदार ने घर-घर में अपनी अलग पहचान बनाई है.हाल ही के एपिसोड में देखा गया है कि शो के अब्दुल अचानक से सोसायटी से गायब हो गए हैं. अब इस बात से पूरी गोकुलधाम सोसाइटी चिंतित है. उन्होंने हर जगह तलाश की है. टप्पू सेना ने भी काफी पता लगाने की कोशिश की, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली.

अब्दुल की तलाश में जुटे सोसायटी वाले

बता दें कि शो के लेटेस्ट एपिसोड में अब्दुल के गुम हो जाने के बाद एक शख्स आता है और सोसायटी वालों से कहता है कि अब्दुल ने उससे 50 हजार रुपये का कर्ज लिया है और अभी तक लौटाया नहीं है। यह सुनकर सेक्रेटरी भिड़े भी परेशान हो जाता है और पुलिस की मदद लेने की सोचता है।

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अब्दुल की तलाश चाय की दुकान से शुरू होती है। चाय वाला बताता है कि अब्दुल यहां आया ही नहीं है, न ही बताया कि वह कहां जाने वाला है। शायद जादूगर चाबी वाले को उसके बारे में पता होगा। चाबी वाले को जब भिड़े फोन करता है और कहता है कि क्या आपको पता है अब्दुल कहां है।

दिलचस्प होने वाला है यह एपिसोड

चाबी वाला भी जवाब देते हुए मना कर देता है। बाद में भिड़े, अब्दुल के गांव फोन करता है, लेकिन वहां भी कोई नहीं बता पता है कि वह कहां है। वहीं, टप्पू सेना गुप्ता चाट वाले के पास जाती है, उसे भी अब्दुल के बारे में पता नहीं होता है। टप्पू सेना अब्दुल को लेकर काफी परेशान हो जाती है और उसके घर जाने का फैसला करती है।

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यहां अब्दुल के घर पर भी ताला लगा होता है। जब वे पड़ोस में पूछते हैं, तो वहां भी किसी को कुछ भी खबर नहीं होती है। अब आज रात के एपिसोड में गोकुलधाम सोसायटी के सदस्य अब्दुल की तलाश हर जगह करेंगे। ये देखना काफी दिलचस्प होगा कि आखिर किस तरह सभी अब्दुल को ढूंढ पाएंगे

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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