मुंशी बिंद (45) व पत्नी देवंती देवी (40) घर के बाहर झोपड़ी में अलग-अलग चारपाई पर और बड़ा पुत्र रामाशीष (20) घर के अंदर कमरे में सो रहा था। छोटा बेटा आशीष गांव में ही आयोजित एक तिलक समारोह में गया था। रात एक बजे वह घर पहुंचा तो देखा कि पिता जमीन पर लहूलुहान मृत पड़े थे। मां भी चारपाई पर मृत पड़ी थी। बड़े भाई रामाशीष का शव दरवाजे के पास पड़ा था। मृतक के बड़े भाई रामप्रकाश ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया कि गांव के ही राधे बिंद ने साथियों के साथ मिलकर हत्या की है। पुलिस मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश में जुटी हुई है। इधर, ग्रामीणों के मुताबिक घटना का कारण प्रेम प्रसंग लग रहा है।
आशीष गांव के ही एक व्यक्ति की बेटी से प्यार करता था और दोनों फोन पर बातें भी करते थे। हालांकि पुलिस हत्या के कारणों को लेकर छानबीन करने की बात कह रही है। वाराणसी जोन के अपर पुलिस महानिदेशक पीयूष मोर्डिया ने बताया कि पांच टीमें जांच के लिए लगाई गई हैं।
वहीं, परिवार में जिंदा बचे आशीष ने बताया कि गांव में आर्केस्ट्रा आया था। मैं भी नाच देखने के लिए गया था। रात में करीब 10-11 बजे पापा आए और मुझे लेकर घर चले आए। लेकिन, जब वे सो गए तो मैं चोरी से दरवाजा चिपकाकर रात 12 बजे नाच देखने के लिए चला गया। वहां से मैं करीब 1.15 मिनट बाद लौटा तो पापा-मम्मी और बड़े भाई की लाश पड़ी थी।
बताते-बताते परिवार में इकलौते जिंदा बचे आशीष रोने लगता है। लेकिन, उसकी आंखों से आंसू नहीं निकल रहे हैं। उसे देखने पर लगता जैसे उसकी उसकी आंखें तीन-तीन लाशों को देख जैसे पथरा सी गईं हैं। हर कोई उसे साहस और सांत्वना देने में लगा रहा।
घर में इकलौते जिंदा बचे 16 वर्षीय आशीष ने बताया कि गांव में तिलक का कार्यक्रम था। मैं भी समारोह में गया था। लेकिन, पापा रात में मुझे लेकर घर चले आए। जब वे सो गए तो मैं चुपके से करीब 12 बजे आर्केस्ट्रा देखने चला गया। वहां से लौटकर 1.15 बजे जैसे ही घर पहुंचा दृश्य देख बदहवास हो गया।
समझ में ही नहीं आ रहा था कि अभी कुछ घंटों पहले सबकुछ ठीक था तो यह क्या हो गया। मां का शव चारपाई पर पड़ा था, जमीन खून से सना हुआ था। आठ कदम दूर बड़े भाई का गला रेता शव पड़ा था। मैं चीखते हुए बड़े पापा राम प्रकाश बिंद के घर पहुंचा। घटना की जानकारी दी तो आसपास के लोगों को भी इसकी खबर हुई।
देखते ही देखते घटना स्थल पर भीड़ उमड़ गई। आशीष के मुताबिक वो नामजद हत्यारोपी की बेटी से फोन पर बात करता था। लड़की के परिजन उसके परिवार पर शादी का दबाव बना रहे थे। लेकिन उसके परिजन शादी के लिए तैयार नहीं थे। आशीष की उम्र 16 साल है और वो कक्षा 11 में पढ़ता है।
वहीं, उसके साथ पड़ोस में रहने वाले अभिषेक ने बताया कि जब हम लोग रात 1.15 बजे वापस आए तो आशीष के चीखने की आवाज सुनी। हम लोग दौड़कर उसके घर गए तो वहां उसके माता-पिता और बड़े भाई की खून से लथपथ लाश पड़ी थी।
घटना की जानकारी रात दो बजे हुई। प्रथमदृष्टया यह बात सामने आई है कि वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया है। खुलासा के लिए टीम का गठन किया गया है। जल्द से जल्द हत्याकांड का खुलासा होगा।