मध्य प्रदेश

Viral Fever in Madhya Pradesh: डेंगू और डायरिया के बाद अब वायरल बुखार का कहर, यहां 5 बच्चों की मौत, परिजनों ने अस्पताल पर लगाया लापरवाही का आरोप

Viral Fever in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक बड़ी खबर आई है. यहां वायरल बुखार से पीड़ित पांच बच्चों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मौसम में.....

रीवा,Viral Fever in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के रीवा जिले से एक बड़ी खबर आई है. यहां वायरल बुखार से पीड़ित पांच बच्चों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण यह वायरल बुखार फैला है. जिले में उमस भरी गर्मी पड़ रही है. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. जिले के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 12 बच्चे तेज बुखार से पीड़ित थे। सभी को इलाज के लिए गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान 5 बच्चों की मौत हो गई. बाकी का अभी भी अस्पताल में इलाज चल रहा है. इधर, प्रबंधन पर जूनियर डॉक्टर के भरोसे अस्पताल चलाने के आरोप लगे हैं।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मौसम बदलते ही अस्पतालों में सर्दी-खांसी समेत अन्य बीमारियों के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है. बड़ी संख्या में वायरल बुखार के मरीज सामने आ रहे हैं। रीवा जिले में भी उमस भरी गर्मी के कारण फैले वायरल बुखार से पांच बच्चों की मौत हो गयी. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल जूनियर डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है, जिनकी लापरवाही से बच्चों की मौत हुई है. फिलहाल अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई बयान नहीं आया है.

Viral Fever in Madhya Pradesh: नहीं थम रही अस्पतालों की लापरवाही

मध्यप्रदेश के अस्पतालों में लापरवाही का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इंदौर के एम वाय अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बदलूकी का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि ग्वालियर के नामी जयाराग्य अस्पताल में एक और कांड हो गया। जयारोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के एसी में ब्लास्ट हो गया, जिसके बाद हड़कंप मच गया। एसी में ब्लास्ट होते ही ट्रॉमा सेंटर में आग लग गई। हालांकि मौके पर मौजूद गार्ड ने तत्काल फायर सेफ्टी की मदद से आग पर काबू पाने की कोशिश की और दो मिनट में ही आग पर काबू पा लिया गया था।

Pooja Singh

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार हूं।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर).

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