Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं ने शुरू किया 36 घंटे का निर्जला व्रत

Hartalika Teej 2024: ज्योतिषाचार्य पंडित वासुदेव शर्मा के अनुसार यह व्रत मायके में पति की लंबी उम्र और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है। दुल्हन तीज मनाने के लिए...

बिलासपुर, Hartalika Teej 2024:  हरतालिका तीज आज है. एक दिन पहले, गुरुवार को, विवाहित जोड़ों ने हिंदू परंपरा के अनुसार रात में करेला-चावल (करू भात) खाकर अपना 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू किया। शहर से लेकर गांव तक तिजहारिनों ने सामूहिक रूप से करू भात का सेवन किया. भाद्रपद शुक्ल पक्ष तीज के साथ मनाए जाने वाले पर्व हरतालिका तीज को लेकर सुहागिनों में उत्साह रहा। बेटियों का मायके पहुंचने का सिलसिला गुरुवार शाम तक जारी रहा। बाजार में भी खूब रौनक रही. सौंदर्य प्रसाधनों सेलेकर साड़ियों की दुकान में देर रात तक भीड़ जुटी रही। प्रमुख रूप से श्रीराम क्लाथ मार्केट, पुराना बस स्टैंड, गोल बाजार, भक्त कंवर राम मार्केट, सदर बाजार, शनिचरी के साड़ी दुकानों में जबरदस्त भीड़ थी। पूजन सामग्री की खरीदारी से लेकर श्रृंगार, मेंहदी व पार्लर में भी भीड़ जुटी रही।

 Hartalika Teej 2024: करू भात: मान्यता व वैज्ञानिक तथ्य

पं. वासुदेव के मुताबिक करू भात खाए जाने को लेकर मान्यता है कि माता पार्वती अपने उपवास के दौरान कठिन तप कर रही थी और उस समय उन्हें अपने व्रत प्रारंभ करने से पहले कड़वे चीजों का सेवन किया था, तभी से ही ये परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है व्रत से पहले रात को करेले की सब्जी और चावल खाया जाता है। तीज व्रत के पहले लगभग हर घर में करेले की सब्जी और चावल खाकर ही इस व्रत को किया जाता है। वहीं वैज्ञानिक तथ्य यह हैं कि करेले खाने से प्यास कम लगती है। इससे शरीर की इम्यूनिटी पावर अच्छी रहती है। इसलिए तीजा व्रत से पहले तिजहारिन करेले का सेवन करती हैं।

बहन-बेटियों ने संभाली रसोई

न्यायधानी में तीज पर्व के मद्देनजर किचन व घर संचालन की व्यवस्था अब बहन-बेटियों के हवाले हो चुकी है। गुरुवार को कई घरों में पर्व के लिए बनी ठेठरी, खुर्मी, गुजिया-सोहारी आदि नमकीन एवं मीठे पकवानों की सौंधी-सौंधी महक से वातावरण में उत्साह छा गया है। इधर बाजार में करेले का भाव भी 80 रुपये तक पहुंच गया है। घरों में खुशियां ऐसी की छोटी बेटियां भी बड़ों को देखकर तिजहारिन की तरह सज गई हैं।

आज पूजन में यह सामग्री

हरतालिका तीज की पूजन सामग्री में प्रमुख रूप से गीली मिट्टी, बेल पत्र शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल और फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनेउ, वस्त्र, मौसमी फल फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, चीनी, दूध और शहद आदि की आवश्यकता होती है।

प्लेटफार्म में ट्रेन नहीं, बसों भी भीड़

पर्व के बीच जहां अधिकांश ट्रेनें अभी रद है। जिसके कारण रेलवे जोनल स्टेशन के प्लेटफार्म में निराशा हुई। बसों को लेकर भी स्थिति ठीक नहीं थी। तिजहारीनों के कारण अधिकांश खचाखच भीड़। कुछ ने ट्रेवल एजेंसी से कार किराए पर लेनी चाही लेकिन वहां भी अधिकांश बुक। सिटी बस स्टाप पर इस वजह से भीड़ रही। बस का इंतजार करते महिलाएं दिखीं। महिलाओं से बालू से बनाई शिव की मूर्तिहरितालिका तीजा व्रत के दिन व्रती महिलाओं ने बालू से शिव पार्वती की मूर्ति बनाई और विधि-विधान से पूजा-अर्चना शुरू कर दी है। नए वस्त्र भी उन्होंने धारण किए। बताते है कि मायके पक्ष के लोग बेटी, बहन को साड़ी और सुहाग की सामग्री देते हैं।
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