बीजापुर,Naxal Surrender In Bijapur: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 30 नक्सलियों ने पुलिस के सामने (Naxal Surrender In Bijapur) आत्मसमर्पण कर दिया है. इनमें से 9 नक्सलियों पर 39 लाख रुपये का इनाम है. दो नक्सली मुन्ना हेमला उर्फ चंद्रू के खिलाफ 18 स्थायी वारंट और मुन्ना पोटाम के खिलाफ 6 स्थायी वारंट लंबित हैं. पुलिस के मुताबिक, 30 नक्सली, नक्सलियों की खोखली विचारधारा, भेदभावपूर्ण व्यवहार, उपेक्षा और उत्पीड़न से तंग आ चुके हैं. छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के नाम इस प्रकार है।
1- मिटकी ककेम ऊर्फ सरिता मिलिट्री कंपनी नंबर 2 पीपीसीएम, ईनाम – 8 लाख।
2 – मुरी मुहंदा ऊर्फ सुखमति प्लाटून नंबर 32 पीपीसीएम, ईनाम – 8 लाख।
3 – रजिता वेट्टी ऊर्फ रामे प्लाटून नंबर 4 सदस्य, ईनाम 5 लाख।
4 – देवे कोवासी प्लाटून नंबर 32 सदस्य, ईनाम 5 लाख।
5 – सीनू पदम ऊर्फ चिन्ना बटालियन नंबर 1 सदस्य, ईनाम- 5 लाख।
6 – आयता सोढ़ी प्लाटून नंबर 32 सदस्य, ईनाम 5 लाख।
7 – आयतु कारम आरपीसी अध्यक्ष, ईनाम 1 लाख।
8 – मुन्ना हेमला ऊर्फ चंदू आरपीसी अध्यक्ष, ईनाम – 1 लाख।
9 – आयतु मिड़ियम ऊर्फ वर्गेश आरपीसी सदस्य/डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनाम – 1 लाख।
10 – सन्नू कारम ऊर्फ डोरा आरपीसी मिलिशिया प्लाटून कमांडर।
11 – बामन कारम आरपीसी, मिलिशिया प्लाटून सदस्य।
12 – सुखराम कारम आरपीसी सदस्य।
13 – मनकू ताती आरपीसी सदस्य।
14 – मुन्ना पोटाम ऊर्फ मुकेश आरपीसी, सदस्य।
15 – संतू हेमला आरपीसी मिलिशिया सदस्य।
16 – राहुल हेमला ऊर्फ छोटू आरपीसी, मिलिशिया सदस्य।
17 – सुखराम ऊर्फ सुरेश कारम आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य।
18 – मोटू हेमला आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य।
19 – मोटू कवासी आरपीसी मिलिशिया प्लाटून सदस्य।
20 – रमेश हेमला पदनाम – भूमकाल मिलिशिया सदस्य।
21 – लक्खू कोरसा पदनाम – जीआरडी सदस्य।
22 – नंदू कुरसम पदनाम – पीएलजीए सदस्य।
23 – सोमलू कड़ती ऊर्फ दिवाकर पदनाम पीएलजीए सदस्य।
24 – सोमलू ताती आरपीसी भूमकाल मिलिशिया सदस्य।
25 – संतोष पदम पदनाम – पीएलजीए सदस्य।
26 – गुडडी हपका।
27 – ज्योति लेकाम आरपीसी केएमएमस सदस्य।
28 – सोनू कुड़ियम ऊर्फ गुटटा पदनाम सीएनएम सदस्य।
29 – राजेश कोरसा ऊर्फ बामन कोरसा संघम सदस्य।
30 – लखमू पल्लो ऊर्फ लख पदनाम- मिलिशिया प्लाटून कमांडर।
सभी ने नक्सल संगठन छोड़ने का कारण उपेक्षा करने, भेदभाव पूर्ण व्यवहार और नक्सलियों के द्वारा आदिवासियों पर किए जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया गया। इन्हें उत्साहवर्धन के लिए आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25-25 रुपये नगद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है।